मंजिल मिले या ना मिले....

_*Beautiful poem *_
✍✍

_*मंजिल मिले ना मिले*_
_*ये तो मुकदर की बात है!*_
_*हम कोशिश भी ना करे*_
_*ये तो गलत बात है...*_
_*जिन्दगी जख्मो से भरी है,*_
_*वक्त को मरहम बनाना सीख लो,*_
_*हारना तो है एक दिन मौत से,*_
_*फिलहाल  जिन्दगी जीना सीख लो..!!*_

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