कथा क्रमांक १९०


*🌷🌷🌷कथा🌷🌷🌷*
*📚अभ्यास कथा भाग १९०*
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*🌺"कर भला तो हो भला"* 🌺
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गंगा नदी के पास एक पीपल का पुराना पेड थाl उस पेड पर एक दिन एक कबूतर बैठा हुआ नदी की लहरें देख रहा थाl अचानक उसकी नजर पेड के नीचे वाले पानी में बहती जा रही चींटी की तरफ गयीl वह पानी से बाहर आने की कोशिश कर रही थी l  कबूतर ने अपने चोंच से एक पत्ता तोडकर पानी में चींटी की तरफ फेंका l चींटी पत्ते पर चढकर किनारे की तरफ आ गई और इस प्रकार उसकी जान बच गई l

     अब दोनों में मिञता हो गईl
अचानक एक दिन चींटी ने शिकारी को अपने मित्र कबूतर पर निशान साधते हुए देखा, उसने तुरंत शिकारी का पैर काट लिया l शिकारी का निशाना चूक गया l और गोली की आवाज से कबूतर उड गया l इस प्रकार चींटी ने कबूतर की जान बचाई l

*सीखः भलाई का बदला हमेशा भलाई ही होता हैl यदी हम भलाई करेंगे तो हमारी भी भलाई होंगीl*
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*📝 शब्दांकन/संकलन*


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