बोध कथा (bodhakatha)
*चारोळी - वास्तवता* ना रडावे, ना रुसावे वास्तवताचे भान ठेवून जीवन आपले हसतमुखाने जगत राहावे, जगत राहावे. 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ *प्रमिलाताई सेनकुडे.*
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