बोध कथा (bodhakatha)
चारोळी - श्वास माझा अबोल प्रीत हि तुझी सख्या तू हि श्वास माझा तुझ्याविना भान देहाचे नाही मज तिन्ही सांजा.------------- प्रमिलाताई सेनकुडे नांदेड
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