बोध कथा (bodhakatha)
चारोळी - वादळ वारा वादळ वारा सुटता क्षणीच पशु,पक्षी व पिकांचे होती हाल मानवी जीवनास होई धोका पृथ्वीवर होई सर्वांचे बेहाल प्रमिलाताई सेनकुडे नांदेड.
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