बोध कथा (bodhakatha)
चारोळी - मले काही सांगू नको लय मोठ शिकून मी डाक्टर होणार हाय बा मले काही सांगू नग मले माह्य सपन पूर करायचं बा 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ *✍प्रमिलाताई सेनकुडे नांदेड*
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