बोध कथा (bodhakatha)
चारोळी - निर्दोष कोरे पान घेऊन हातात लिहिले जीवनाचे सत्य निर्दोष मानून नशिबास जीवन जगले आनंदात 〰️〰️〰️〰️〰️〰️ *✍प्रमिलाताई सेनकुडे नांदेड.
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