बोध कथा (bodhakatha)
*आजचा उपक्रम* *झरा* *निर्मळ नाती जोडावी* *स्वच्छ पवित्र भावनेने* *माणुसकीचा झरा वहावा* *प्रेमळ हृदयी मनाने* 〰〰〰〰〰〰 *✍प्रमिलाताई सेनकुडे नांदेड.*
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