बोध कथा (bodhakatha)
*चारोळी -- कास्तकार* काळ्या आईचा उदरातूनी उगवतोस तू पिकाचे मोती कास्तकार तूच आहेस या जगती अनमोल मोती 〰️〰️〰️〰️〰️〰️ प्रमिलाताई सेनकुडे
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