बोध कथा (bodhakatha)
*किलबिल* प्रभात समयी किलबिल किलबिल पक्षी बोलती गाती सुस्वर चोहीकडे सांज होता उडून जायी लक्ष त्यांचे पिलांकडे... 〰〰〰〰〰〰 प्रमिलाताई सेनकुडे
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